Identities

Cisco Case Shows Indians Still Take Caste Where they Go

How discrimination is integrated into the daily lives of the Indian diaspora still needs to be understood. What happens to caste when Indians migrate to Western countries? Do their feelings of being born superior or inferior, their belief in the purity-pollution ethic, just melt away? The “model minority” has tried to avoid a conversation on … Continue reading Cisco Case Shows Indians Still Take Caste Where they Go →

जातिगत भेदभाव को लेकर कब ख़त्म होगा भारतीयों का दोहरापन

भारतीयों के मन में व्याप्त दोहरापन यही है कि वह ऑस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रों पर होने वाली ज़्यादतियों से उद्वेलित दिखते हैं, पर अपने यहां के संस्थानों में आए दिन दलित-आदिवासी या अल्पसंख्यक छात्रों के साथ होने वाली ज़्यादतियों को सहजबोध का हिस्सा मानकर चलते हैं. (फोटो: रॉयटर्स) ‘जाति समस्या- सैद्धांतिक और व्यावहारिक तौर पर एक विकराल मामला है.

लो मैं उठी: माया एंजलो/अनुवाद: निवेदिता मेनन

MAYA ANGELOU recites her iconic poem Still I Rise, followed by the translation into Hindustani by NIVEDITA MENON below.   चाहे लिख दो मेरी कहानी, झूठी, विकृत, कडवी सी, चाहे कुचल दो  मिट्टी में, उड़ जाऊंगी, मैं धूल सी.   मेरी गुस्ताखी से हो नाराज़? क्या इतना दुःख है दिल में?

Break the Chain, Break the (Unconventional) Family?

My earlier posts on the Kerala Left’s inability to forge an adequate and democratizing response to the ‘societal emergencies’ that have challenged Malayali society in the 21st century, and on the completely-unjustified attack on the body artist Rehana Fathima seem to have irritated, even angered, many supporters of the CPM on Facebook. These people are … Continue reading Break the Chain, Break the (Unconventional) Family? →

महिला आन्दोलनकारियों की गिरफ्तारियां और भारत सरकार की पितृसत्ता : अमन अभिषेक

Guest Post by Aman Abhishek गुलफीशा फ़ातिमा, सफुरा जरगर, देवांगना कलिता और नताशा नरवाल दुनिया के जाने-माने प्रोफ़ेसर और पत्रकार डॉक्टर लेता होन्ग फ़िंचर अपनी किताब “बिट्रेइंग बिग ब्रदर: दी फेमनिस्ट अवेकनिंग इन चाइना” में लिखती हैं कि किस तरह चीनी सरकार के द्वारा मार्च 2015 में पांच कार्यकर्तायों की गिरफ्तारी ने चीनी नारीवादी आन्दोलन … Continue reading महिला आन्

Why does the Left in Kerala fear Rehana Fathima and not COVID- 19?

Before I start, a request:    Friends who are reading this, if you are close to Noam Chomsky, Amartya Sen, or Soumya Swaminathan, or the other left-liberals who appear in the Kerala government-sponsored talk series from outside Kerala, please do forward this to them? I hope to reach them.   The Left government in Kerala … Continue reading Why does the Left in Kerala fear Rehana Fathima and not COVID- 19? →

प्रार्थना स्थलों पर लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध

कांकर पाथर जोरि कै मस्जिद लई बनाय. ता चढि मुल्ला बांग दे क्या बहरा हुआ खुदाय क्या अपने ‘खुदा’ को आवाज़ देने के लिए बांग देने की जरूरत पड़ती है ? आज से छह सदी पहले ही कबीर ने यह सवाल पूछ कर अपने वक्त़ में धर्म के नाम पर जारी पाखंड को बेपर्दा किया … Continue reading प्रार्थना स्थलों पर लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध →

निरंकुशता के स्रोत, प्रतिरोध के संसाधन : रवि सिन्हा

Guest Post by Ravi Sinha राजनीति का आम सहजबोध यह है कि सत्ता की निरंकुशता लोकतंत्र का निषेध है। लोकतंत्र राजनीतिक सत्ता का गठन तो करता है, लेकिन उसे निरंकुश नहीं होने देता। यदि किसी लोकतांत्रिक व्यवस्था के अंतर्गत निरंकुश सत्ता का उद्भव होता है तो उसे लोकतंत्रा की दुर्बलता, उसके विकार या उसमें किसी बाहरी अलोकतांत्रिक … Continue reading निरंकुशता के स्रोत, प्

Understanding the Rise of the BJP

Guest Post by PARVIN SULTANA (Review of HINDUTVA: EXPLORING THE IDEA OF HINDU; NATIONALISM, Jyotirmaya Sharma ( Context 2019); M.S. GOLWALKAR, THE RSS AND INDIA, Jyotirmaya Sharma (Context, 2019) ; DECODING THE RSS: ITS TRADITIONS AND POLITICS Raosaheb Kasbe (Leftword Books, 2019) , RAJIV GANDHI TO NARENDRA MODI: BROKEN POLITY, FLICKERING REFORMS Parsa Venkateshwar Rao … Continue reading Understanding the Rise of the BJP →