Guest post by ARVIND KUMAR अभय दुबे की पुस्तक हिन्दू एकता बनाम ज्ञान की राजनीति पर जारी बहस में एक योगदान। दि प्रिंट में 8 जुलाई 2020 को योगेंद्र यादव का लेख ‘भारतीय सेक्युलरिज्म पर हिन्दी की यह किताब उदारवादियों की पोल खोल सकती थी मगर नज़रअंदाज़ कर दी गई है’, अभय दुबे की पुस्तक को केंद्र मे रखकर लिखा … Continue reading गैर-दक्षिणपंथी विचारकों के आत्ममंथन का घोषणा पत्र है अभय दुबे की पुस्तक : अरविंद कुमार →
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