भाजपा

सावरकर को भारत रत्न देना आज़ादी के नायकों का अपमान है

क्या ऐसा शख़्स, जिसने अंग्रेज़ सरकार के पास माफ़ीनामे भेजे, जिन्ना से पहले धर्म के आधार पर राष्ट्र बांटने की बात कही, भारत छोड़ो आंदोलन के समय ब्रिटिश सेना में हिंदू युवाओं की भर्ती का अभियान चलाया, भारतीयों के दमन में अंग्रेज़ों का साथ दिया और देश की आज़ादी के अगुआ महात्मा गांधी की हत्या की साज़िश … Continue reading सावरकर को भारत रत्न देना आज़ादी के नायकों का

मोदीनामा : हिंदुत्व का उन्माद

  मई 2019 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हिंदुत्ववादी दक्षिणपंथी भारतीय जनता पार्टी ने शानदार चुनावी जीत हासिल की। यह जीत सामान्य समझ को धता बताती है – जीवन और आजीविका जैसी आधारभूत बातें इस चुनाव का मुद्दा क्यों नहीं बन पाईं? ऐसा क्यों है कि सामान्य और सभ्य लोगों के लिए भी हिंदुत्व … Continue reading मोदीनामा : हिंदुत्व का उन्माद →

पवित्र गाय, त्याज्य लोग !

..बुलंदशहर की घटनाएं इस बात की ताईद करती हैं कि  हिंदुत्व वर्चस्ववाद का यह नज़रिया जिसमें मानवीय जीवन के प्रति गहरी असम्वेदनशीलता और असम्पृक्तता  टपकती है और जो एक चतुष्पाद को पूजनीय बनाती है, आज उरूज पर है।.. ( Photo Courtesy : indianculturalforum.in) कभी कभी एक अदद वक्तव्य किसी नेता की एकमात्र निशानी बन कर … Continue reading पवित्र गाय, त्याज्य लोग ! →

एक  नायक की तलाश में भाजपा 

दीनदयाल उपाध्याय: भाजपा के ‘गांधी’ ( Photo Courtesy : thewire.in) एक पेड़विहीन देश में एक एरंड भी बड़ा पेड़ कहलाता है – एक  संस्कृत सुभाषित का रूपांतरण /In a treeless country even castor counts for a big tree/ /संदर्भ: http://www.epw.in/journal/2006/12/   राष्ट्रपति कोविन्द ने इस बात को स्वीकारा कि ‘‘भारत की कामयाबी की कंुजी उसकी विविधता …