दलित

आज़ाद जनतंत्र में सत्तर साल बाद भी वेल्लोर से विरमगाम तक श्मशान भूमि से वंचित हैं दलित

क्या कोई जानता है 21वीं सदी की शुरुआत में चकवारा के दलितों के एक अहम संघर्ष को?

ज़ुबां पर आंबेडकर, दिल में मनु

लोग अब समझने लगे हैं कि अपने संकीर्ण एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए सत्ताधारी जमातें भले डॉ आंबेडकर की मूर्तियां लगवा दें, मगर तहेदिल से वह मनु की ही अनुयायी हैं. एससी/एसटी एक्ट को कमज़ोर करने के ख़िलाफ़ बुलाए गए भारत बंद का दृश्य. (फोटो: पीटीआई)   2 अप्रैल का ऐतिहासिक भारत बंद लंबे … Continue reading ज़ुबां पर आंबेडकर, दिल में मनु

बहुजन राजनीति की नयी करवट की अलामत है भीम आर्मी : प्रवीण वर्मा

Guest post by PRAVEEN VERMA यूँ तो अम्बेडकर जयंती हर साल आती हैं और दलित-पिछड़े समुदाय का एक बड़ा तबक़ा इसे बड़ी शिद्दत से मनाता आया है। लेकिन इस बार अम्बेडकर का 126वां जन्मदिन कुछ और ही नज़ारा ले कर आया। यू॰पी॰ का सहारनपुर ज़िला जहाँ अच्छी ख़ासी तादाद में दलित समुदाय के लोग रहते … Continue reading बहुजन राजनीति की नयी करवट की अलामत है भीम आर्मी : प्रवीण वर्

फर्ज़ी प्रमाण पत्र के सहारे दलित और आदिवासियों के अधिकार पर डाका

सांसद समेत अन्य लोग फर्ज़ी कागज़ातों के ज़रिये दलित और आदिवासियों के अधिकार छीन रहे हैं. (फोटो: कमल किशोर/रॉयटर्स) मध्य प्रदेश के बैतूल से अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट से दूसरी बार चुनी गईं सांसद ज्योति धुर्वे की सदस्यता फिलवक़्त ख़तरे में पड़ती नज़र आ रही है.