हिंदी प्रदेश : प्रगतिशीलता की विरासत – प्रोफेसर बजरंग तिवारी

विषय : हिंदी प्रदेश : प्रगतिशीलता की विरासत इस व्याख्यान में निम्न पहलुओं को समेटने की कोशिश रहेगी – अर्वाचीन बोध क्या है? हिंदी प्रदेश में इसकी बुनियाद को कैसे समझें ? छठी से ग्यारहवीं शताब्दी का दौर। भक्ति आंदोलन के दौर में क्या बदलाव हुए ? कला और साहित्य में दरबारीपन को कैसे समझें ? … Continue reading हिंदी प्रदेश : प्रगतिशीलता की विरासत – प्रोफेसर बजरंग तिवारी →

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