इस तरह चूर्ण चट्टान हो कि रेणु-रेणु सूरज पर चले जाएँ

मुक्तिबोध शृंखला:32 अच्छी कविता और बड़ी कविता में फर्क होता है। अच्छी कविता के नियम बड़ी कविता पर लागू नहीं होते। जैसे आम तौर पर कविता का उद्घोषात्मक होना अच्छा नहीं माना जाता। उपदेशात्मकता और शिक्षापरक होना अच्छी कविता के गुण नहीं माने जाते। लेकिन बड़ी कविता शिक्षापरक, यहाँ तक कि उपदेशात्मक होकर भी बड़ी … Continue reading इस तरह चूर्ण चट्टान हो कि रेणु-रेणु सूरज पर चले जाएँ →

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