वैश्विक भूख सूचकांक

रामचरण मुंडा की मौत पर दो मिनट का मौन!

सोचने का सवाल है कि क्या इन मौतों को महज तकनीकी गड़बड़ियों तक न्यूनीकृत किया जा सकता है? क्या इसके कोई संरचनागत कारण नहीं हैं? ‘आखिर अधिक अनाज पैदा करने के बावजूद हम भूख की समस्या को मिटा क्यों नहीं पा रहे हैं। ‘‘रामचरण मुंडा, उम्र 65 साल को विगत दो माह से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत … Continue reading रामचरण मुंडा की मौत पर दो मिनट का मौन! →

आई आई टी मद्रास – आधुनिक दौर का अग्रहरम !

नागेश / बदला हुआ नाम/ – जो आई आई टी मद्रास में अध्ययनरत एक तेज विद्यार्थी है, तथा समाज के बेहद गरीब तबके से आता है – उसे उस दिन मेस में प्रवेश करते वक्त़ जिस अपमानजनक अनुभव से गुजरना पड़ा, वह नाकाबिले बयानात कहा जा सकता है। उसे अपने गांव की जातीय संरचना की … Continue reading आई आई टी मद्रास – आधुनिक दौर का अग्रहरम ! →