धर्मनिरपेक्षताकरण

‘ईश्वर नहीं है’ कहने का अधिकार

Periyar : Image – Courtesy velivada.com क्या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार महज आस्थावानों के लिए ही लागू होता है ? कभी कभी साधारण से प्रश्न का उत्तर पाने के लिए भी अदालती हस्तक्षेप की जरूरत पड़ती है। मद्रास उच्च न्यायालय की – न्यायमूर्ति एस मनिकुमार और सुब्रहमण्यम प्रसाद की – द्विसदस्यीय डिवीजन बेंच को … Continue reading ‘ईश्वर नहीं है’ कहने का अधिकार →