घेरेबन्दी में पड़े देश और खेल के नये नियमों के बीच हम क्‍या कर सकते हैं?

घेरेबन्दी में पड़े अपने शहर के हालात को लेकर अपने जमाने का शायर कैसी प्रतिक्रिया देता है? अचानक इस बारे में कुछ कहना मुश्किल जान पड़ सकता है, अलबत्ता एक तरीका है फिलिस्तीन के महान कवि महमूद दरवेश के नक्शेकदम पर चलना, जिनकी लम्बी कविता ‘मेमरी फॉर फरगेटफुलनेस’ अर्थात ‘भुलक्कड़पन/स्‍मृतिलोप के लिए स्‍मृति’ वर्ष 1982 … Continue reading घेरेबन्दी में पड़े देश और खेल के नये नियमों के बीच हम क्‍या कर सकते हैं? →

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